Mushtaq Ahmed Shah Bukhari: जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रक्रिया खत्म हो गई है और अब वोटों की गिनी का इंतजार है, लेकिन इस बीच सुरनकोट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार मुश्ताक अहमद शाह बुखारी का निधन हो गया है. अब सवाल उठता है कि क्या इस सीट पर दोबारा चुनाव होंगे? चलिए बताते हैं कि इसको लेकर क्या नियम है..
Mushtaq Ahmad Bukhari passes away: जम्म कश्मीर में मंगलवार (1 अक्टूबर) को आखिरी चरण में 7 जिलों की 40 सीटों पर वोटिंग हुई और अब नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. लेकिन, वोटिंग खत्म होने के एक दिन बाद ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और सुरनकोट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार मुश्ताक अहमद शाह बुखारी (Mushtaq Ahmed Shah Bukhari) का बुधवार को निधन हो गया. सुरनकोट सीट से बीजेपी उम्मीदवार मुश्ताक अहमद शाह बुखारी के निधन के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या चुनाव आयोग फर से मतदान कराएगा. तो चलिए आपको बताते है कि इसको लेकर क्या नियम है.
सुरनकोट मे 25 सितंबर को डाले गए थे वोट
मुश्ताक अहमद शाह बुखारी (Mushtaq Ahmed Shah Bukhari) ने फरवरी 2022 में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के साथ चार दशक लंबा नाता तोड़ दिया था और फरवरी 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) शामिल हो गए थे. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें सुरनकोट से चुनाव मैदान में उतारा था. इस सीट पर 25 सितंबर को दूसरे चरण में 25 अन्य सीटों के साथ मतदान हुआ था.
दरअसल अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर उनका पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने बुखारी के निधन पर शोक व्यक्त किया. रवीद्र रैना ने कहा कि बुखारी जननेता थे और उनके निधन से एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरना बहुत मुश्किल है.
क्या अब इस सीट पर दोबारा होंगे चुनाव?
नियम के अनुसार, अगर मतदान से पहले ही अगर किसी उम्मीदवार का निधन हो जाए तो चुनाव आयोग उस सीट पर चुनाव रद्द कर देता है और फिर मतदान के लिए नई तारीख घोषित की जाती है. हालाकि, अगर वोटिंग के बाद किसी प्रत्याशी की मौत हो जाए तो ऐसी स्थिति में तय कार्यक्रम के अनुसार वोटों की गिनती की जाती है और यदि काउंटिंग में मृतक उम्मीदवार की जीत होती है तो चुनाव रद्द कर दिया जाता है और जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम, 1951 की धारा 151A के तहत 6 महीने के अंदर उस सीट पर फिर से चुनाव कराए जाते हैं. वहीं, अगर नामांकन से पहले ही किसी प्रत्याशी का निधन हो जाए तो चुनाव आयोग उस पार्टी को दूसरा उम्मीदवार मैदान में उतारने और नामांकन का मौका देती है.