वर्तमान में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उछाल से एक अनिवार्य मांग (Demand) का सृजन हुआ है। इस माँग ने आपूर्ति चेन श्रृंखला में विनिर्माण क्षेत्र (मैनुफेकचरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन किया है जो आत्मनिर्भर सशक्त मारत का परिलक्षण है।
वर्तमान में ग्रामीण आधारभूत संरचनात्मक विकास ने अर्थव्यवस्था को त्वरण प्रदान किया है , वर्तमान में नरेगा को जियो टैगिंग से लैस कर तथा नरेगा का उपयोग गामीण अवसंरचनात्मक विकास के निर्माण में किया है । जिससे अर्थव्यवस्था में गुणात्मक प्रभाव उत्पन हुआ। ग्रामीण सड़को से शहरी सड़को का समाकलन व्यापार में , ग्रामीण उत्पादो को शहरी बाजार की उपलब्धता करवाता है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना की सफलता गामीण अवसंरचनात्मक विकास व निर्माण का प्रतिबिंबन है।
ई-नाम के माध्यम से ग्रामीण कृषको को “एक भारत, एक बाजार” की उपलब्धता हुई है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने ऊर्जा की आपूर्ति कर जीवाश्म ईंधन के प्रयोग का प्रतिबंधन कर स्वस्थ ग्रामीण परितंत्र का निर्माण किया है, जो गामीण हरित विकास का धोतक है।
सेबी द्ववारा फारवर्ड मार्केट कमीशन का अधिग्रहण करने से contract Farming को बल व वैधानिकता प्राप्त हुआ है।
आइए हम ग्रामीण आधारभूत संरचना में निवेश कर एक सशक्त ग्राम से सशक्त भारत का निर्माण करे। जससे किसानो की दोगुनी आय, मेड इन इण्डिया को बल दे ।