अप्रैल फूल बनाया …
(अप्रैल फूल दिवस पर विशेष)
चित्तौड़गढ़। एक अप्रैल को दुनिया के कई देशों में अप्रैल फूल दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने करीबियों के साथ हंसी मजाक करके अप्रैल फूल दिवस एक – दूसरे को इस दिन मूर्ख बनाकर मानते हैं। कुछ लोग अप्रैल फूल बनाते हैं, तो कुछ लोग किसी की शरारत के चलते अप्रैल फूल बन जाते हैं। हालांकि बावजूद इसके ज्यादातर लोग अप्रैल फूल डे के इतिहास को लेकर अंजान रहते हैं। वहीं अप्रैल फूल डे को दुनिया के कई देशों में काफी दिलचस्प तरीके से मनाया जाता जाता है। इस दिन का उद्देश्य किसी के दिल को चोट पहुंचाना नहीं होकर महज एक हंसी मजाक और शरारत करना होता है ताकि हम अपने जीवन के व्यस्ततम समय में से कुछ हंसी खुशी के पल निकाल सके।
हिंदी सिनेमा में अप्रैल फूल के नाम से बनाई थी फिल्म
हिंदी सिनेमा में भी पहली अप्रैल यानी मूर्ख दिवस के दिन एक दूसरे को मूर्ख बनाने का चलन है। सुबोध मुखर्जी ने तो इस विषय पर फिल्म ही बना डाली। सुबोध मुखर्जी ने वर्ष 1964 में अप्रैल फूल बनाई थी। विश्वजीत और सायरा बानो जैसे सितारों से सजी इस फिल्म के सभी गीत उन दिनों काफी लोकप्रय हुए थे।
शंकर-जयकिशन के संगीत निर्देशन में मोहम्मद रफी की आवाज में रचा बसा हसरत जयपुरी द्वारा रचित फिल्म का टाइटल गीत …अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया… आज भी श्रोताओं के बीच लोकप्रिय है और गाहे, बगाहे रेडियो और टीवी पर सुनाई दे जाता है। आज के दिन तो इसकी याद ही की जाती है।
अप्रैल फूल डे की कैसे हुई शुरुआत
वैसे तो इस बात को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता है कि 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है, लेकिन इसको लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। जिनमें से एक के अनुसार, अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1381 में हुई थी। बताया जाता है कि उस समय के राजा रिचर्ड जीती और बोहेमिया की रानी एनी ने घोषणा करवाई कि वो दोनों 32 मार्च 1381 को सगाई करने वाले हैं। सगाई की खबर सुनकर जनता खुशी से झूम उठी, लेकिन 31 मार्च 1381 के दिन लोगों के समझ आया कि 32 मार्च तो आता ही नहीं है। इसके बाद लोग समझ गए कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है। बताया जाता है कि तभी से 32 मार्च, यानी 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। कुछ किस्सों के मुताबिक, अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1392 में ही हो चुकी थी। कुछ कहानियों के अनुसार अप्रैल फूल डे मनाने का सिलसिला 1582 में फ्रांस से शुरू हुआ था। जिस दौरान पोप चार्ल्स ने रोमन कैलेंडर की शुरूआत की थी। हालांकि 19वीं शताब्दी आते-आते अप्रैल फूल डे मनाने का चलन काफी प्रचलित हो चुका था। जिसके बाद से अप्रैल फूल डे बनाने की कवायद समूचे विश्व में मशहूर हो गई और आज भी कई लोग इस दिन को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
विभिन्न देशों में मनाया जाता है अप्रैल फूल दिवस
जानकारी के अनुसार अप्रैल फूल दिवस हर देश में अलग अंदाज के साथ मनाया जात है। जहां न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देशों में अप्रैल फूल डे सिर्फ 12 बजे तक ही सेलिब्रेट किया जाता है, वहीं अमेरिका, कनाडा, रूस और अन्य यूरोपीय देशों में अप्रैल फूल डे को दिन भर मनाया जाता है। इसके अलावा भारत में भी अप्रैल फूल दिवस के दिन लोग जमकर मस्ती करते हैं। जहां इटली, फ्रांस और बेल्जियम जैसे देशों में कुछ लोगों को बिना बताए उनकी पीठ पर कागज की मछली चिपकाकर मजाक उड़ाया जाता है तो पश्चिम एशियाई देश फारसी नववर्ष के 13वें दिन यानी 1 और 2 अप्रैल को एक-दूसरे पर तंज करते हुए अप्रैल फूल मनाते हैं। वहीं यूक्रेन में अप्रैल फूल मनाने के लिए खासतौर पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की जाती है।
अमित कुमार चेचानी(आकाशवाणी कलाकार, चित्तौड़गढ़)